Monthly Archives: May 2015

क्यों उदास हो जाऊं मैं.

माना की जंदगी में बहोत दर्द है मगर, खुशियां भी कम नहीं है, क्यों उदास हो जाऊ मैं. तुम मिलोगे या नहीं, ये तो पता नहीं है मुझे, उम्र बाकी है अभी , क्यों निरास हो जाऊ मैं. उठा हु जब भी लड़खड़ाके, जमे है पांव और भी मेरे, तूफ़ान देखकर, क्यों भला घबराऊं मैं. तुम तपाते रहो , ख़ाक …

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मेरा मन

हमारे जीवन में मन की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है. मन एक ऐसा माध्यम है जो हमें विषयो से जोड़ता है परन्तु विषयो का चुनाव हम स्वयं करते है. मन तो सिर्फ बीच की कड़ी होता है. जब हम मन के माध्यम से किसी विषय से जुड़ते है तो उस विसय के गुंड -दोस के अनुसार हमारे भीतर विचार आने …

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पिया का साथ.

तेरा मालिक, तेरा परमात्मा,तेरा पिया हमेशा तेरे साथ है लेकिन तू ही उससे दूर है, तू ही इधर – उधर भटक रहा है. बस एकबार तू उसका साथ पकड़ ले तेरे सारे गम दूर हो जाएंगे. तू छोड़ दे सारी बात, पकड़ ले सिर्फ पिया का हाथ. तेरे गम भाग जाएंगे, तेरे गम भाग जाएंगे. सारे जग से प्रीत लगाई, …

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कौन हु मै

कौन हु मै, मुझे अहसास करादे मौला. आईना मुझको, एकबार दिखादे मौला. कौन से सहर से आया हु , मुझे जाना है कहा, मेरी मंजिल का पता, मुझको बतादे मौला. कहते है इश्क जो सच्चा है, तो मिलता है खुदा. इस कदर मुझको भी, दीवाना बनादे मौला. अँधेरी रात है, खोई खोई सी राहें है. अपनी रहमत का ज़रा, सम्मा …

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प्रभूजी मेरा ख्याल करो

मै अज्ञानी अनजान , प्रभूजी मेरा ख्याल करो. तेरा बंदा है नादान , प्रभूजी मेरा ख्याल करो. माया का सागर है गहरा , छोटी सी नैया है हमरा. कैसे होगा हमारा बेडापार , प्रभूजी मेरा ख्याल करो. तुमसे मिलना सबसे प्यारा, पर घरके दुसमन से हारा. कैसे होगा तुम्हारा दीदार , प्रभूजी मेरा ख्याल करो . सीधी सीधी राह तुम्हारी …

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स्वयं के संग

आईए आज स्वयं के बारे में कुछ विचार करते है. अपने जीवन को एक नज़र देखते है हम क्या कर रहे है, हम क्यों कर रहे है.अभी तक हमने क्या हासिल किया है और क्या खोया है.हम सुखी और आनंदित होना चाहते है परन्तु हम हमेसा परेशान ही क्यों रहते है. आखिर क्यों हम इतने प्रयास के बावजूद भी सुख …

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तुम्हारे प्रीत का मौसम

सभी मौसम से बेहतर है, तुम्हारे प्रीत का मौसम. हमारे लव पे आती है, तुम्ही से गीत का मौसम. तू खिदमत करदे जिसकी भी, निगाहो से, इसारो से, उसी के दिल पे छा जाये , तुम्हारी जीत का मौसम. तुम्हारा साथ न मांगे तो क्या मांगे खुदा से हम, किसी जन्नत से क्या कम है, तेरे नजदीक का मौसम. तेरी …

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