Monthly Archives: October 2015

उसे पाना कठिन नहीं है, कठिन तो खुद को खोना है.

उसे पाने की तमाम कोशिशे बेकार गयी, खुद को मिटाता गया और दूरिया मिटती गयी. परमात्मा को पाने के उपाय ढूढ़ते है लेकिन राह बड़ी कठिन है,जो पहले से ही प्राप्त है उसे पाने का उपाय क्या ढूढना है, यह तो बड़ी नासमझी सी बात है, यह तो बेकार का समय बर्बाद करने जैसा है .वास्तव में परमात्मा को पाने …

Read More »